Tuesday, December 17, 2024

2 questions asked by children during Dipawali

 Read in English after the Hindi version 



अधिकतर घरों में बच्चे यह दो प्रश्न अवश्य पूछते हैं जब दीपावली भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में मनाई जाती है तो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन क्यों होता है? राम और सीता की पूजा क्यों नही?

दूसरा यह कि दीपावली पर लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी की पूजा क्यों होती है, विष्णु भगवान की क्यों नहीं? 

इन प्रश्नों का उत्तर अधिकांशतः बच्चों को नहीं मिल पाता और जो मिलता है उससे बच्चे संतुष्ट नहीं हो पाते।आज की शब्दावली के अनुसार कुछ ‘लिबरर्ल्स लोग’ युवाओं और बच्चों के मस्तिष्क में यह प्रश्न डाल रहें हैं कि लक्ष्मी पूजन का औचित्य क्या है, जबकि दीपावली का उत्सव राम से जुड़ा हुआ है। *कुल मिलाकर वह बच्चों का ब्रेनवॉश कर रहे हैं कि सनातन धर्म और सनातन त्यौहारों का आपस में कोई तारतम्य नहीं है।सनातन धर्म बेकार है।*


*आप घर के बच्चों को इन प्रश्नों के सही उत्तर बतायें।*

दीपावली का उत्सव दो युग, सतयुग और त्रेता युग से जुड़ा हुआ है। सतयुग में समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी उस दिन प्रगट हुई थी इसलिए लक्ष्मीजी का पूजन होता है। भगवान राम भी त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घर घर दीपमाला जलाकर उनका स्वागत किया था इसलिए इसका नाम दीपावली है।अत: इस पर्व के दो नाम है लक्ष्मी पूजन जो सतयुग से जुड़ा है दूजा दीपावली जो त्रेता युग प्रभु राम और दीपों से जुड़ा है।


*लक्ष्मी गणेश का आपस में क्या रिश्ता है?*

*और दीवाली पर इन दोनों की पूजा क्यों होती है?*

लक्ष्मी जी सागर मन्थन में मिलीं, भगवान विष्णु ने उनसे विवाह किया और उन्हें सृष्टि की धन और ऐश्वर्य की देवी बनाया गया। लक्ष्मी जी ने धन बाँटने के लिए कुबेर को अपने साथ रखा। कुबेर बड़े ही कंजूस थे, वे धन बाँटते ही नहीं थे।वे खुद धन के भंडारी बन कर बैठ गए। माता लक्ष्मी खिन्न हो गईं, उनकी सन्तानों को कृपा नहीं मिल रही थी। उन्होंने अपनी व्यथा भगवान विष्णु को बताई। भगवान विष्णु ने कहा कि तुम कुबेर के स्थान पर किसी अन्य को धन बाँटने का काम सौंप दो। माँ लक्ष्मी बोली कि यक्षों के राजा कुबेर मेरे परम भक्त हैं उन्हें बुरा लगेगा।

तब भगवान विष्णु ने उन्हें गणेश जी की विशाल बुद्धि को प्रयोग करने की सलाह दी। माँ लक्ष्मी ने गणेश जी को भी कुबेर के साथ बैठा दिया। गणेश जी ठहरे महाबुद्धिमान। वे बोले, माँ, मैं जिसका भी नाम बताऊँगा , उस पर आप कृपा कर देना, कोई किंतु परन्तु नहीं। माँ लक्ष्मी ने हाँ कर दी।अब गणेश जी लोगों के सौभाग्य के विघ्न, रुकावट को दूर कर उनके लिए धनागमन के द्वार खोलने लगे।कुबेर भंडारी देखते रह गए, गणेश जी कुबेर के भंडार का द्वार खोलने वाले बन गए। गणेश जी की भक्तों के प्रति ममता कृपा देख माँ लक्ष्मी ने अपने मानस पुत्र श्रीगणेश को आशीर्वाद दिया कि जहाँ वे अपने पति नारायण के सँग ना हों, वहाँ उनका पुत्रवत गणेश उनके साथ रहें।

*दीवाली आती है कार्तिक अमावस्या को, भगवान विष्णु उस समय योगनिद्रा में होते हैं, वे जागते हैं ग्यारह दिन बाद देव उठनी एकादशी को।* माँ लक्ष्मी को पृथ्वी भ्रमण करने आना होता है शरद पूर्णिमा से दीवाली के बीच के पन्द्रह दिनों में।इसलिए वे अपने सँग ले आती हैं अपने मानस पुत्र गणेश जी को।

इसलिए दीवाली को लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है।

यह कैसी विडंबना है कि देश और हिंदुओ के सबसे बड़े त्यौहार का पाठ्यक्रम में कोई विस्तृत वर्णन नही है और जो वर्णन है वह अधूरा है।इस लेख को पढ़ कर स्वयं भी लाभान्वित हों और अपनी अगली पीढ़ी को भी बतायें।

 *दूसरों के साथ साझा करना भी ना भूलेंI।* 


In most of the houses, children do ask these two questions. When Deepawali is celebrated to celebrate the return of Lord Rama to Ayodhya after 14 years of exile, then why is Lakshmi Pujan done on Deepawali? Why are Ram and Sita not worshipped?

Secondly, why is Ganesh Ji worshipped along with Lakshmi Ji on Deepawali and not Lord Vishnu?

Most of the children do not get the answer to these questions and whatever they get, they are not satisfied with it. According to today's terminology, some 'liberals' are putting this question in the minds of youth and children that what is the justification of Lakshmi Pujan, whereas the festival of Deepawali is connected to Ram. *Overall, they are brainwashing the children that there is no connection between Sanatan Dharma and Sanatan festivals. Sanatan Dharma is useless.*

*Tell the children of your house the correct answers to these questions.*

The festival of Deepawali is associated with two eras, Satyayug and Treta Yug. In Satyug, Goddess Lakshmi appeared on that day from the churning of the ocean, so Lakshmiji is worshipped. When Lord Rama also returned to Ayodhya on this day in Treta Yug, the people of Ayodhya welcomed him by lighting lamps in every house, so it is called Deepawali. Hence, this festival has two names - Lakshmi Pujan which is associated with Satyug and Duja Deepawali which is associated with Treta Yug Lord Rama and lamps.

*What is the relationship between Lakshmi and Ganesh?*

*And why are both of them worshipped on Diwali?*

Lakshmi ji was found in Sagar manthan, Lord Vishnu married her and she was made the goddess of wealth and prosperity of the universe. Lakshmi ji kept Kuber with her to distribute the wealth. Kuber was very miserly, he did not distribute wealth at all. He himself became the treasurer of wealth. Mother Lakshmi became upset, her children were not getting blessings. He told his sorrow to Lord Vishnu. Lord Vishnu said that you should give the task of distributing wealth to someone else instead of Kuber. Mother Lakshmi said that Kuber, the king of Yakshas, is my greatest devotee and he will feel bad.

Then Lord Vishnu advised her to use the vast intellect of Ganesh Ji. Maa Lakshmi made Ganesh Ji sit with Kuber. Ganesh Ji was very intelligent. He said, Maa, please shower your blessings on anyone whose name I will tell you, no ifs and buts. Maa Lakshmi said yes. Now Ganesh Ji started removing the obstacles and hindrances of people's good fortune and opening the doors of wealth for them. Kuber Bhandaari kept watching, Ganesh Ji became the one to open the doors of Kuber's treasury. Seeing Ganesh Ji's affection towards his devotees, Maa Lakshmi blessed her son Shri Ganesh that wherever she is not with her husband Narayan, her son-like Ganesh should stay with her.


* Diwali comes on Kartik Amavasya, Lord Vishnu is in Yognidra at that time, he wakes up after eleven days on Dev Uthani Ekadashi.* Maa Lakshmi has to visit the earth in the fifteen days between Sharad Purnima and Diwali. That is why she brings her son Ganesh Ji with her.

 That is why Lakshmi Ganesha is worshipped on Diwali.

What an irony it is that there is no detailed description of the biggest festival of the country and Hindus in the syllabus and the description that is there is incomplete. Read this article and benefit yourself and tell your next generation too.

*Don't forget to share it with others.*



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