Friday, July 19, 2024

Ego

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Ego

We broke Modi's ego by not voting for BJP in Bengal, Rajasthan, Jharkhand, Uttar Pradesh, and Maharashtra.

This is not the first time we have done this; similarly, we have broken the ego of many big personalities by not supporting them in the past.

A long time ago, the ego of the Hindu king Dahir of Sindh was shattered by the Hindu kings of then Afghanistan and Rajasthan. Dahir wrote for help, but no one came. Dahir had a lot of ego about his valor and was killed. Now, it is a different matter that after that, the continuous decline of Hindus started in Sindh, and today Afghanistan is a completely Islamic nation.

In the same way, we broke the ego of Prithviraj Chauhan by not supporting him during Mohammad Ghori's invasion.

The people of Mewar also had a lot of ego about their bravery. When Khilji surrounded Mewar, no one from the entire Rajputana supported them, Rawal Ratan was killed by deceit, and Padmavati had to commit jauhar with 16,000 women. Padmavati also had a lot of ego about her beauty, which was shattered.

When Rana Sanga had captured Lodhi, the dacoit Babur was called to break their ego. In the battle, no one supported Rana Sanga, and his general was killed along with thirty thousand soldiers.

Sanga's ego was shattered. But the Lodhis had to endure the Mughal slavery, temples were destroyed, women were looted by the Mughals, but Sanga's ego was shattered.

The Marathas were very powerful; they had decimated the Mughals. They also had a lot of ego. When the Mughals were defeated, Abdali was called from Afghanistan to stop the infidels, and armies were set up in the battlefield of Panipat.

Abdali's army kept receiving supplies, but no one sent supplies to the Marathas, as their ego had to be shattered.

The Marathas kept fighting on empty stomachs, kept dying, and were defeated.

There is no house in Maharashtra where a son wasn't martyred, but the ego was shattered.

Countless times, we have shattered the egos of our own by not supporting them at the right time, and we will remove Modi from power as well. Even if we have to take help from the Goris, Mughals, Abdalis, or even Italy, Pakistan, and mortgage the country in their hands.

We will break Modi's ego, and in the future, we will break Yogi Ji's ego too.

Because we are only fit to live under the slavery of foreigners, non-believers, leftists, etc.

Remember, we also broke Atal Ji's ego and then endured ten years of suffering, but we are habitual of forgetting...

We will break Modi's ego.

Jai Hind




अहंकार

बंगाल, राजस्थान, झारखंड, उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र में भाजपा को वोट न देकर हमने मोदी का अहंकार तोड़ दिया। 

ये हमने कोई पहली बार नहीं किया है, इसी तरह पहले भी हमने साथ न देकर बड़ों-बड़ों का अहंकार तोड़ा है...

बहुत पहले सिंध के हिन्दू राजा दाहिर का अहंकार तत्कालीन अफगानिस्तान और राजस्थान के हिन्दू राजाओं ने खत्म किया था। दाहिर ने सहायता के लिये पत्र लिखा, पर कोई भी नहीं आया। बहुत अहंकार था दाहिर को अपने पराक्रम का, मारा गया। अब ये अलग बात है कि उसके बाद सिंध में हिन्दुओं का निरंतर पतन ही होता रहा और आज अफगानिस्तान पूर्णतः इस्ला'मिक राष्ट्र है।

इसी तरह हमने मोहम्मद गोरी के आक्रमण के समय पृथ्वीराज चौहान का साथ न देकर उनके अहंकार को तोड़ा था। 

मेवाड़ वालों को भी अपनी बहादुरी का बड़ा अहंकार था। जब खिलजी ने मेवाड़ घेर लिया तब पूरे राजपूताने से किसी ने भी साथ नहीं दिया, रावल रतन धोखे से मारे गये और पद्मावती को १६००० औरतों के साथ जौहर करना पड़ा। पद्मावती को भी अपनी सुंदरता पर बड़ा अहंकार था, तोड़ दिया।

राणा सांगा ने जब लोधी को कैद किया था, तब उनके अहंकार को तोड़ने के लिये डाकू बाबर को बुलाया गया। युद्ध में किसी ने राणा सांगा का साथ नहीं दिया, उनका सेनापति तीस हजार सैनिकों के साथ मारा गया, 

सांगा का अहंकार टूट गया। लेकिन लोधियों को भी मुगलों की गुलामी करनी पड़ी, मन्दिर तोड़े गए, स्त्रियां लूटी मुगलों ने..पर सांगा का अहंकार तो टूट ही गया न।

मराठे बड़े प्रतापी थे, मुगलों की वाट लगा दी थी उन्होंने। उनको भी बहुत अहंकार था। मुगल हार गये तो काफिरों को रोकने के लिए अफगानिस्तान से अब्दाली बुलाया गया, पानीपत के मैदान में सेनाएं सज गयीं। 

अब्दाली की सेना को तो रसद मिलती रही पर मराठों को किसी ने भी रसद नहीं भेजी..अहंकार जो तोड़ना था मराठों का। 

भूखे पेट मराठे लड़ते रहे, मरते रहे..हार गये। 

महाराष्ट्र का कोई ऐसा घर नहीं जिसका कोई बेटा शहीद न हुआ हो, लेकिन अहंकार तो टूट गया न।

न जाने कितनी बार हमने समय पर साथ न देकर अपनों के अहंकार को तोड़ा है, तो हम मोदी को भी सत्ता से हटा कर रहेंगे। भले ही हमें इसके लिये गोरियों, मुगलों, अब्दालियों या फिर इटली, पाकिस्तान की मदद लेनी पड़े और देश को उनके हाथों गिरवी रखना पड़े..

हम मोदी का अहंकार तोड़ कर ही रहेंगे, और आने वाले समय में योगी जी का अहंकार भी तोड़ेंगे । 

क्योंकि हम विदेशियों, विधर्मियों, वाममार्गियों आदि की ग़ुलामी में ही जीने के ही लायक़ हैं।

याद है, हमने अटल जी का अहंकार भी तोड़ा था और फिर १० साल जूते खाये थे , लेकिन हमें भूलने की आदत तो ठहरी...

हम मोदी का अहंकार तोड़कर ही रहेंगे।


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