#महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा #एकलव्य के राज्य में घुस गया
वहाँ उसके पुत्र और सैनिकों ने अर्जुन को कड़ी टक्कर देकर ही हार मानी.
[साफ है कि एकलव्य और निषादों के कुचले हुए होने की बात केवल एक #अंधतार्किक #वामपंथी कहानी है, जो उनके इतिहास को झुठलाती है]
ध्यान दें कि कैसे एकलव्य को यहाँ निषादराज कहा गया है।
वह कोई गरीब आदिवासी लड़का नहीं था जैसा कि हमें कई कहानियों के माध्यम से बताया गया है।
After the Mahabharata war, the horse of Yudhishthir's Ashwamedha Yagya entered the kingdom of #Eklavya.
There his son and soldiers gave up after giving Arjun a tough fight.
It is clear that the talk of Eklavya and Nishads being crushed is just an illogical #leftist story, which belies their history
Notice how Eklavya is referred as Nishadraja here.
He was no poor tribal boy as we have been told through many retellings.
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