Tuesday, October 31, 2023

Folktales Of India : The Bird With Two Heads

 Read the English version below the Hindi version 

भारत की लोककथाएँ: दो सिर वाला पक्षी




 यह कहानी कर्नाटक की हरी-भरी भूमि से उत्पन्न हुई है। यह कला शैली प्राचीन चित्तारा जनजातीय कला से प्रेरित और विकसित है। यह कहानी प्रसिद्ध भारतीय साहित्यिक श्रृंखला, "द पंचतंत्र" से ली गई है।

 नायक दो सिर वाला पौराणिक पक्षी, भेरुंडा है, जो कावेरी नदी के किनारे रहता है। एक दिन, पक्षी के सिर में से एक ने एक स्वादिष्ट फल देखा और उसे खाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा, "यह अब तक का सबसे स्वादिष्ट फल है जो मैंने खाया है।" यह सुनकर दूसरे सिर ने पहले वाले से अनुरोध किया, “हे भगवान! जिस फल की तुम इतनी प्रशंसा कर रहे हो, मुझे भी उसका स्वाद चखने दो।” पहले सिर ने हँसते हुए उत्तर दिया, “तुम्हें फल का स्वाद चखने की आवश्यकता नहीं है। चूंकि हमारा पेट एक ही है, इसलिए जो सिर खाएगा, वह फल उसी पेट में जाएगा। इसके अलावा, मैं ही वह व्यक्ति हूं जिसने यह फल पाया है। इसलिए, मुझे इसका स्वाद लेने का अधिकार है।''

पहले सिर की बात सुनकर दूसरा सिर चुप और निराश हो गया। लौटते समय दूसरे सिर को जहरीले फलों वाला एक पेड़ मिला। उसने जहरीला फल तोड़ लिया और पहले सिर से कहा, “हे धोखेबाज, तुमने अपना फल मेरे साथ साझा नहीं किया। अब मैं तुम्हें सबक सिखाने के लिए यह जहरीला फल खाऊंगा। 

पहला सिर डर के मारे चिल्लाया, “कृपया इस जहरीले फल को मत खाओ। यदि तुम इसे खाओगे तो हम दोनों मर जायेंगे, क्योंकि इसे पचाने के लिए हमारा पेट एक ही है।” दूसरे सिर ने उत्तर दिया, “चुप रहो! चूँकि मुझे यह फल मिला है, इसलिए मुझे इसे खाने का पूरा अधिकार है।” इतना कहकर दूसरे सिर ने जहरीला फल खा लिया। परिणामस्वरूप, पक्षी मर गया और उसके साथ ही दोनों सिरों की भी जान चली गयी।


 इसीलिए कहा जाता है कि एक अच्छी बात दूसरों के साथ साझा करना हमेशा अच्छा होता है। यह कहानी आपको यह भी सिखाती है कि आवेश में आकर कोई भी कदम उठाने से पहले आपको सोचना चाहिए।


Folktales Of India : The Bird With Two Heads

This tale originates from the lush green lands of Karnataka. The art style is inspired and developed from the ancient Chittara Tribal Art. This tale is derived from the famous Indian literary series, “The Panchatantra”.

The protagonist is a two-headed mythical bird, Bherunda, which lives along the banks of the Cauvery River. One day, one of the heads of the bird saw a delicious fruit and started devouring it. He exclaimed, “It is the most delicious fruit I have ever eaten.” Hearing this, the other head requested the first one, “Oh My! Let me also taste the fruit that you are praising so much”. The first head laughed and replied, “You do not need to taste the fruit. Since we have only one stomach, whichever head eats, the fruit it will go to the same stomach. Moreover, I am the one who found this fruit. So, I hold the right to relish it.” 

The other head became silent and disappointed after hearing the first head. While returning the other head found a tree bearing poisonous fruits. He plucked the poisonous fruit and told the first head, “You deceitful fellow, you did not share your fruit with me. Now, I will consume this poisonous fruit to teach you a lesson.”

 The first head yelled in fear, “Please don’t eat this poisonous fruit. If you eat it, both of us will die, because we have a common stomach to digest it.” The other head replied, “Remain silent! As I have found this fruit, I have every right to eat it.” Saying so, the other head consumed the poisonous fruit. As a result, the bird died and with it, both the heads also lost their lives.

That is why it is said that sharing a good thing with others is always good. This story also teaches you that you must think before taking any action in the heat of the moment.

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